जिसके लिए शरीर दान अनोखा उपहार है” जिसके लिए शरीर दान अनोखा उपहार है”
डॉक्टर सुशील को लगा कि देशराज को उसके बड़बोलेपन का सबक सिखाने का यह सही मौका है। डॉक्टर सुशील को लगा कि देशराज को उसके बड़बोलेपन का सबक सिखाने का यह सही मौका है।
मृत्योपरांत मेरी आँखे किन्हीं दो व्यक्तियों की अँधेरी जिंदगी में उजाला कर सकें। मृत्योपरांत मेरी आँखे किन्हीं दो व्यक्तियों की अँधेरी जिंदगी में उजाला कर सकें।
स्नेह का स्पर्श उसे अभी भी हौसला दे रहा था की हाँ, उसके आधे अंग में अभी भी जान बाक़ी है। स्नेह का स्पर्श उसे अभी भी हौसला दे रहा था की हाँ, उसके आधे अंग में अभी भी जान ब...
उस गर्माहट से दूर होती जा रही थी और फिर एक चीख के साथ सब शाँत। उस गर्माहट से दूर होती जा रही थी और फिर एक चीख के साथ सब शाँत।
माँ की गोद उसे हारने से हर बार बचा लेती थी। माँ की गोद उसे हारने से हर बार बचा लेती थी।